THE VERY BEGGINING !!!
सफर की शुरुआत
आम तौर पर आपकी सुबह कैसे शुरू होती है ? जैसा की मुझे लगता है हाथों को विपरीत दिशा में फेंकते हुए अंगड़ाई लेते हुए। पर मेरी सुबह बिस्तर से गिरते हुए शुरू होती है और उठते ही पता चलता है की मै हमेशा की तरह बहुत देर से उठा हु और मुझे अभी के अभी अपने कुत्ते को घुमाने जाना और उसके बाद फटाफट नहा के पूजा करने बैठना है पर इसमें भी मै या तो कपडे धोना भूल जाता हू और सीधा शाम को मुझे जाके याद आती है कपड़ो की। चलो छोड़ो!! मै अब जैसे-तैसे तैयार हो गया पर मेरी गाडी छूट गयी और मेरे पिताश्री को मुझे स्कूल छोड़ने जाना पड़ा।
अब आम बच्चे क्या करते होंगे?? या तो अपने दोस्तों से बतिया लेंगे या फिर अपना गृहकार्य पूरा करेंगे पर मै खुसठ बुद्धि जाके वहाँ पुरे कक्षा में कितने फैन ,टेबल,कुर्सी,मेज वगैरह ताकता और गिनता रहता हु। और अध्यापक के आने पर अपनी लम्बी हाइट के कारन बेंच से टकराकर निचे गिर जाता हू। आखिर कार भाई मेज जब छोटी है तो उसमे मै क्या कर सकता हू पर चलो आगे देखते है।
अध्यापक महोदय पढ़ाना शुरू करते है और मै उज्जड बुद्धि दुसरो से बतियाने में लगा रहता हू और शिकार बन जाता हू, आखिर अध्यापक को तो पकड़ना ही था। दूसरी क्लास के शुरू होते ही पता चलता है की कॉपी तो लाया ही नहीं न जाने कितनी बार बैग छान मरता हू पर कॉपी का अता-पता नहीं बाद में अध्यापिका महोदया आती ही नहीं क्योकि उनकी छुट्टी थी राहत मिली !!! बचते बचाते आखरी कक्षा में बहुत बुरी बदबू छोड़कर घर आ जाता हू।
तो एक आम इंसान इस वक़्त क्या करता होगा ?? बताइये। मै बताता हु वो आकर अपना मुँह धोएगा और तमाम प्रकार की सजावट अपने मुखड़े पर लगा लेगा ,पर मै छे !! ये सब नहीं करता बल्कि घर आके मै सबसे पहले टीवी बीवी से चिपकूंगा और फिर मोबाइल से चिपकूंगा मुझे इस वक़्त कोई कुछ कह नहीं सकता क्योकि मै उस वक़्त घर के बर्तन माँझ रहा होता हू। फिर शाम की आरती करने के बाद किताबे लेकर ख़याली पुलाव पकने लग जाता हू आखिर भूक भी तो लग रही होती है?
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